दोस्तों आपने इक्विटी (Equity) शेयर का नाम तो सुना होगा या किसी को यह कहते सुना होगा की आज मैंने इतने इक्विटी (Equity) शेयर ख़रीदे या आज मैंने इतने इक्विटी शेयर बेचे। लेकिन क्या आपको पता है किसी कपंनी में Equity क्या होती है? दोस्तों इसका मतलब होता है कंपनी में हिस्सेदारी करना। तो आज हम इस पोस्ट में जानेंगे के ये कैसे काम करती है? क्या इसमें निवेश करना लाभदायक है? और इसकी किसी कंपनी में क्या उपयोगिता होती है।
किसी कंपनी में Equity क्या होती है।
दोस्तों जब भी कोई नयी कंपनी शुरू होती है तो वो शुरू कैसे होती है। यानि कुछ तो निवेश (इन्वेस्टमेंट) या पूंजी शुरू के चरण में लगता ही है तो कंपनी को शुरू करने के लिए पूंजी या तो उस कंपनी का मालिक लेकर आता है या तो कोई निवेशक निवेश कर देता है या फिर वो बैंक से लोन लेकर आते है। तो अगर यहाँ पर मालिक या कोई निवेशक निवेश करता है तो उसे हम कहते है इक्विटी (Equity) और वही अगर बैंक से लोन ले तो वो कंपनी के लिए हो जाता है Debt यानि कर्ज़।
जब हम किसी कंपनी के शेयर खरीदते है या उसमे निवेश करते है तो उस कंपनी में हमारी हिस्सेदारी बन जाती है। जिस कंपनी के जितने शेयर्स हमारे पास होंगे उतनी ज्यादा हिस्सेदारी उस कंपनी में होगी।
कंपनी Equity शेयर को मार्केट में जारी करती है या लॉन्च करती है जिस से निवेशकों को कंपनी के Equity शेयर में निवेश करने का मौका मिलता है और कंपनी की ग्रोथ के साथ साथ पैसा कमाने का मौका भी मिलता है।
Equity को एक उदहारण से समझते है
मान लीजिये मुझे कंपनी शुरू करनी है जिसको शुरू करने में लगेंगे 10 लाख रूपए तो अब 10 लाख रूपए में से मैंने इस कंपनी में खुद के 3 लाख रूपए लगाये और बाकी बचे 7 लाख जो की मैंने बैंक से लोन ले लिया।
मतलब की इस 10 लाख रूपए के बिज़नेस मे मेरी 30% की Ownership या हिस्सेदारी हो गयी। Equity यानि Ownership
दोस्तों जब भी आप किसी कंपनी में जितना पैसा निवेश करते है तो आप उस कंपनी में उतने पैसो या उतने प्रतिशत% के मालिक बन जाते है। तो यहाँ मै इस बिज़नेस मे 30% का मालिक हूँ क्योकि बाकि का 70% मैंने बैंक से लोन लिया है।
हालांकि जैसे जैसे मै इस बिज़नेस लोन को चुकाता जाऊंगा तो मेरी कंपनी में Ownership भी बढ़ती जाएगी।
तो दोस्तों आपको अब समझ में आ गया होगा की इक्विटी (Equity) क्या होती है।
इक्विटी शेयर (Equity Share) क्या होते है।
आईये अब इक्विटी शेयर को उदहारण से समझते है इसको कॉमन शेयर भी कहा जाता है।
अगर मैं बात करू हमारे निवेश की तो अगर मान लो की हमने टाटा मोटर्स (Tata Motors) के 5000 शेयर ख़रीदे है तो कंपनी में हमारी 5000 रूपए की Ownership या हिस्सेदारी होगी।
और इसी के साथ टाटा मोटर्स के भविष्य की ग्रोथ के ऊपर निर्भर करेगा की मुझे इस हिस्सेदारी से लाभ होने वाला है या फिर हानि। दोस्तों किसी भी कंपनी की इक्विटी (Equity) लेने से हमें उसमे उतने प्रतिशत% वोटिंग राइट्स भी मिल जाते है।
✅ Whatsapp Group | 👉 अभी जुड़े |
✅ Telegram Group | 👉 अभी जुड़े |
शेयर मार्केट इक्विटी (Share Market Equity) क्या होती है।
दोस्तों अगर बात करे शेयर मार्केट इक्विटी की तो मुख्य रूप से इनको दो भागो में बांटा जाता है। एक तो है नॉर्मल/कॉमन इक्विटी शेयर और दूसरा Preference शेयर। Preference यानि सबसे पहले।
नॉर्मल इक्विटी शेयर (Normal Equity Share)
दोस्तों जो नॉर्मल इक्विटी शेयर होल्डर्स (Equity Share Holders) होते है उनको उनके निवेश के आधार पर कंपनी में हिस्सेदारी मिलती है। उनको वोट करने का अधिकार होता है। इसके साथ साथ वो कंपनी से मिलने वाले लाभांश (Dividend) से भी अच्छी आय कमा सकते है। इक्विटी शेयर होल्डर्स को लाभांश कंपनी में होने वाले लाभ (Profit) के अनुसार और कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स द्वारा तय करके दिया जाता है।
Preference इक्विटी शेयर (Preference Equity Share)
जैसा की नाम से ही पता चल रहा है preference यानि सबसे पहले। अगर कंपनी में profit होता है तो सबसे पहले preference शेयर होल्डर्स को दिया जाता है। उसके बाद ही Equity शेयर होल्डर्स को दिया जाता है।
आईये इसको एक उदाहरण से समझते है।
जैसे मैंने अपना बिज़नेस शुरू किया था। अब मान लेते है इसमें कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने मुझे पैसे दिए थे। तो मैं उनको एक preference देता हूँ की भले ही इस कपंनी से मैं profit लूँ चाहे न लूँ लेकिन मैं आपको पहले आपके पैसे वापिस करूँगा।
तो मैं इन शेयर होल्डर्स को कहीं न कहीं अपने से पहले preference दे रखी है। तो ऐसे Equity को हम बोलेंगे preference शेयर।
इक्विटी के प्रकार (Types of Equity)
दोस्तों अगर हम बात करे इक्विटी (Equity) की तो इसको भी दो भागो में बांटा जाता है। पहले जो मालिक (Owner) खुद पूंजी लगाता है और दूसरा निवेशक (Investor) से लेना और उसे हम कहते है शेयर कैपिटल।
दूसरे होते है रिज़र्व एंड सरप्लस (Reserve & Surplus। जब भी हम किसी कंपनी की बैलेंस शीट (Balance Sheet) देखते है तो शेयर कैपिटल के नीचे रिज़र्व एंड सरप्लस का भी एक हेड (Head) होता है। ये भी Equity का हिस्सा होता है।
ध्यान दीजिए इसमें जैसे मान लेते है कंपनी को 5 लाख रूपए का profit हुआ और मैंने 5 लाख रूपए में से 2 लाख रूपए preference शेयर होल्डर्स को दे दिए। बाकी बचे 3 लाख रूपए में से 1 लाख Equity शेयर होल्डर्स हो दे दिए फिर जो बाकी बचे 2 लाख रूपए मैं रख लूंगा रिज़र्व एंड सरप्लस में।
ये जो रिज़र्व एंड सरप्लस का दो लाख रूपए आना तो Equity में था लेकिन जब आगे चलकर कंपनी ग्रो (grow) करेगी तो उसके लिए मुझे पैसे चाहिए होंगे तो उसके लिए सेविंग मैं अपने रिवर्स एंड सरप्लस के माध्यम से करूंगा। तो ये भी Equity का हिस्सा होगा।
Equity में निवेश करना अच्छा होता है?
दोस्तों अगर हम बात करे इक्विटी (Equity) में निवेश करना अच्छा होता है तो उसके कई सारे फायदे है। जैसे की सबसे पहला ज्यादा रिटर्न। जैसा की हम सब जानते है की शेयर मार्केट रिस्की होता है लेकिन हम अगर सही कंपनी को चुनते है अच्छी रिसर्च के साथ तो वास्तव में Equity एक बहुत अच्छा विकल्प है।
जैसा के हम सब जानते है की inflation एक ऐसी चीज है जिसे बहुत से लोग इन्वेस्ट करते समय भूल जाते है। और अपनी सेविंगस FD या भी कोई Debt स्कीम में निवेश कर देते है बस ये सोचकर की इक्विटी में करना तो रिस्की है। लेकिन FD से हम inflation rates को beat नहीं कर सकते तो उसके लिए आपको एक सही निवेश Equity में कर सकते है ताकि inflation rates को beat कर सकें।
शेयर में वॉल्यूम (Volume) का मतलब क्या होता है? इसको कैसे देख सकते है?
Equity share मे निवेश कैसे करें? (How to invest in Equity Shares)
अगर आप Equity Share में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको रजिस्टर्ड (Registered) Stock Broker के द्वारा अपना डीमैट अकाउंट खोलना होगा। अब आपके मन में सवाल आ रहा है कि आप आखिर में इक्विटी शेयर में निवेश कैसे करेंगे तो मैं आपको बता दूं कि जब कोई कंपनी Share Market में अपने Share को लॉंच करना चाहती है। तो उसे सबसे पहले अपने कंपनी का IPO (initial public offering) लॉन्च करना पड़ता है
आप उस कंपनी के IPO को खरीद ले इसके अलावा अगर वह कंपनी Share Market में List हो जाती है तो आप सीधे उस कंपनी के Share को ऑनलाइन तरीके से भी खरीद सकते है।
कंपनी Equity शेयर को मार्किट में क्यों लाती है?
दोस्तों जब किसी कंपनी को पैसो की जरूरत होती है। तो वो equity शेयर को मार्केट में IPO के द्वारा उतारती है और हम जैसे रिटेल निवेशक, उस कंपनी के employees, Qualified Institutions और Non-Institutional Buyers इन शेयर्स को खरीदते है और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बनाते है।
कंपनी को किन-किन उदेश्यो के लिए Equity शेयर्स को मार्किट में लाती है।
- नए प्रोडक्ट को मार्किट में लॉच करना
- भविष्य के लिए कैश को बचा कर रखना
- किसी दूसरी कंपनी का अधिग्रहण (acquisition) करना
- कर्ज़ चुकाना
दोस्तों जब कंपनी को पैसों की जरुरत होती है, तब कंपनी या तो बैंक से लोन लेने का विकल्प चुनती है या फिर डेब्ट सिक्योरिटीज जारी करती है जैसेकि डेब्ट्स और डिबेंचर्स।
यदि कंपनी डेब्ट फाइनेंसिंग का विकल्प चुनती है उन्हें उधार लिए गए धन पर उचित ब्याज चुकाने की जरुरत होती है और यह उधार लिए गए धन को अपने बैलेंस शीट पर दिखाना पड़ता है जिस से बचने के लिए कंपनी इक्विटी शेयर जारी करती है।
डेब्ट के बजाय इक्विटी शेयर जारी करने का सबसे बड़ा लाभ यह है की कंपनी प्रभावी रूप से धन का संरक्षण कर सकती है।
✅ Whatsapp Group | 👉 अभी जुड़े |
✅ Telegram Group | 👉 अभी जुड़े |
निष्कर्ष
दोस्तों इस शेयर्स में निवेश करने के फायदे भी है। पहला, इसमें निवेशक को कंपनी द्वारा लाभांश दिया जाता है। जिससे निवेशक को फाइनेंसियल हेल्प मिलती है। दूसरा के जब जब कंपनी ग्रो करेगी तो उस कंपनी का बिज़नेस भी बढ़ेगा जिस से कंपनी से शेयर का मुल्ये ऊपर को जायेगा और निवेशक को लाभ मिलेगा।
लेकिन, दोस्तों इस शेयरों में निवेश के साथ अनेक जोखिम भी जुड़े होते है। जैसे बाजार में किसी भी खबर के कारण उतार चढ़ाव आ सकता है जिससे निवेशक को नुकसान हो सकता है
इसलिए दोस्तों बाजार में निवेश करने से पहले शेयर मार्केट ट्रेंड को अच्छी तरह समझना चाहिए और कंपनी के बारे में अच्छी रिसर्च करके ही अपने पैसो को निवेश करना चाहिए। मुझे उम्मीद है के पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा और अपने इस से कुछ सीखा होगा।