ऑप्शन ट्रेडिंग में Buy and Sell पर कितना चार्ज लगता है ?- Easy उदहारण से समझे

दोस्तों ऑप्शन ट्रेडिंग आजकल बहुत ज्यादा लोग कर रहे है और इस से बहुत अच्छा पैसा कम समय में बना रहे है। लेकिन इसमें जितना पैसा बनता है उस से कहीं ज्यादा ये रिस्की भी है। इसको करने से पहले शेयर मार्केट का अच्छा ज्ञान होना जरुरी है तभी हम एक सफल ऑप्शन ट्रेडर बन सकते है। दोस्तों ऑप्शन ट्रेडिंग करने में हमें हमारे ब्रोकर को और सरकार को चार्ज देने होते है जो की हमें नहीं पता होता है। और हमें ये भी नहीं पता होता है की ऑप्शन ट्रेडिंग में Buy and Sell पर कितना चार्ज लगता है। (option trading buy sell charges)

ऑप्शन ट्रेडिंग में हम चार्जेज को कैलकुलेट करके ही अपने प्रॉफिट या लॉस का पता लगा सकते है की वास्तव में हमें कितना प्रॉफिट हुआ है या कितना लॉस। तो दोस्तों आज इस पोस्ट में हम बात करने वाले वाले है की ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में Buy and Sell पर कितना चार्ज लगता है?

दोस्तों अगर आप ऑप्शन में ट्रेड करते है तो एक ट्रेड का आपसे कितना पैसा चार्ज के रूप में लिया जायेगा। एक लॉट आपने ऑप्शन का लिया तो कितना चार्ज लगेगा है। कितना उस पर टैक्स लगेगा है और अगर आप उसको बेचोगे या एग्ज़िट करोगे तो कितना चार्ज लगेगा।

दोस्तों ऑप्शन ट्रेडिंग में Buy and Sell पर निम्नलिखित चार्ज लगते है। जोकि नीचे दिए गए है..

  • ब्रोकरेज फीस (Brokerage/ Commission Fees)
  • सिक्योरिटी ट्रांसक्शन टैक्स (STT)
  • एक्सचेंज ट्रांजैक्शन टैक्स (ETT)
  • स्टाम्प ड्यूटी फीस (Stamp Duty Fees)
  • SEBI Turnover फीस (SEBI Turnover Fees)
  • गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST)

आईये दोस्तों अब हम इन चार्जेज को उदारहण से समझते है।

मान लो के आपने AB Limited कंपनी के 50 लोट को ₹2000 के प्रीमियम पर ख़रीदा है और ₹3000 के प्रीमियम पर उसको बेच दिया। तो आपने कुल कितने रूपए के वैल्यू का ट्रांजैक्शन किया और आपको चार्ज कटने के बाद कितने रूपए का प्रॉफिट या लॉस हुआ है। आपके ट्रांजैक्शन और चार्जेज का विवरण कुछ इस प्रकार है –

ऑप्शन को खरीदने की वैल्यू = 50 x ₹2000 = ₹100000

ऑप्शन को बेचने की वैल्यू = 50 x ₹3000 = ₹150000

प्रॉफिट की वैल्यू = ₹1,50,000 -₹1,00,000 = ₹50,000

दोस्तों ये प्रॉफिट अभी आपका नेट प्रॉफिट नहीं है इसमें से सरकार और ब्रोकर द्वारा चार्जेज को काट कर ही आपको आपका शुद्व लाभ यानि नेट प्रॉफिट मिलता है। तो हम जानते है की इस ऑप्शन ट्रेडिंग में हमें कौन कौन से चार्ज लगे है

Charges Amount
 ब्रोकरेज (Brokerage/ Commission)  ₹40
 सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT)  ₹93.75
 एक्सचेंज ट्रांजैक्शन टैक्स (ETT)  ₹125
 स्टाम्प ड्यूटी चार्ज  ₹3
 सेबी टर्नओवर फीस (SEBI turnover fees)  ₹0.25
 GST (Goods and Service Tax)  ₹29.75
Total Charge  ₹291.75

 

नेट प्रॉफिट (शुद्व प्रॉफिट) = प्रॉफिट की वैल्यू – ऑप्शन ट्रेडिंग करने में लगा चार्ज

नेट प्रॉफिट (शुद्व प्रॉफिट= 50,000 – 291.75

नेट प्रॉफिट (शुद्व प्रॉफिट= 49,708.25

दोस्तों ये जो ₹291.75 का चार्ज लगा है ये कैसे लगा है आये इन एक एक चार्ज को हम कैलकुलेट करके समझते है की कितने कितने प्रतिशत लगे है।

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ब्रोकरेज (Brokerage/ Commission)

दोस्तों हम ब्रोकर के द्वारा ऑप्शन को खरीदते और बेचते है। ब्रोकर यानि Zerodha, Angle One, Upstock, Groww आदि मार्केट में बहुत से ब्रोकर प्लेटफार्म है जिन पर आप अपना डीमैट अकाउंट खोल कर ट्रेडिंग कर सकते हो। और सारे ही ब्रोकर ट्रेडिंग करने में ट्रेडर से ब्रोकरेज (कमीशन) चार्ज करते है। यह चार्ज ₹20 ऑप्शन खरीदने पर और ₹20 बेचने पर लगता है चाहे आप कितने भी लॉट को खरीदो या बेचो। ध्यान दीजिये यहाँ पर बात एक ट्रेड की हो रही है। जिसका चार्ज ₹20 खरीदने और ₹20 बेचने पर लगता है। अगर आप दूसरी ट्रेड लेते हो तो इसी प्रकार आपको ₹20-₹20 यानि ₹40 खरीदने और बेचने पर देने होंगे।

शेयर मार्केट में किन-किन चीजों के लिए हमें Fees and Charges देना होता है।

इसी प्रकार पिछले उदहारण में हमने AB लिमिटेड के 50 लॉट को ₹2000 में ख़रीदा था और ₹3000 रूपए में बेच दिया था। तो आपसे ब्रोकर ने ₹20 खरीदने और ₹20 बेचने पर टोटल ₹40 रूपए का ब्रोकरेज चार्ज किया था।

सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (SST)

दोस्तों सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स ये एक ऐसा टैक्स है जो स्टॉक एक्स्चेंज में ट्रेड की जाने वाली सिक्योरिटीज के बेचने और खरीदने पर लगाया जाता है इससे शोर्ट में हम STT भी कहते हैं। यह तभी लगाया जाएगा जब सिक्योरिटीज किसी भी स्टॉक एक्स्चेंज में खरीदी और बेची जा रही होगी।

दोस्तों STT को पी चिदंबरम जी 2004 में मार्केट में लाये थे। इसको लाने के पीछे का कारण यही था की कई लोग सिक्योरिटीज के ट्रांजैक्शन को अपने इनकम टैक्स रिटर्न में रिपोर्ट नहीं करते थे जिसके कारण सरकार को टैक्स नहीं मिल पाता था लेकिन STT को लाने के बाद से अब सभी के सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन पर सरकार की नजर रहने लग गई है।

दोस्तों जब हम ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो जिस भी ब्रोकिंग प्लेटफार्म पर करते है तो वो आपसे बस ब्रोकरेज के चार्ज ही लेता है बाकि के चार्ज सरकार द्वारा लिए जाते है। जैसे के हम बात कर रहे सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT), दोस्तों ये चार्ज ऑप्शन प्रीमियम को बेचने में पर सरकार द्वारा लगाए जाते है। ये चार्ज   0.625% ऑप्शन प्रीमियम को sell करने में लगाए जाते।

जैसे के हमने ऊपर दिए गए चार्जेज की लिस्ट में देखा था की STT चार्ज 93.75 रूपए लगे हुए है। तो अब हम समझते है की ये चार्ज कैसे कैलकुलेट किया गया। दोस्तों पिछले उदहारण में हमने ab लिमिटेड के 50 लॉट को 3000 रूपए के प्रीमियम पर बेचा था जिसकी वैल्यू 50 x 3000 =₹1,50,000 रूपए थी।

STT =  कुल बेचे गए प्रीमियम की वैल्यू x 0.0625%

= ₹1,50,000 x 0.0625%

= ₹1,50,000 x 0.0625/100

= ₹93.75

इस प्रकार ऑप्शन ट्रेडिंग में ₹1,50,000 वैल्यू की ट्रेडिंग या ₹1,50,000 का प्रीमियम को बेचने पर STT चार्ज 0.0625% के हिसाब से ₹93.75 का चार्ज लगा।

एक्सचेंज ट्रांजैक्शन टैक्स (Exchange Transaction Tax)

दोस्तों जैसा की नाम से ही पता लगता है की ये चार्ज स्टॉक एक्सचेंज (NSE & BSE) द्वारा लगाया जाता है। ये चार्ज ऑप्शन खरीदने और बेचने दोनों पर लगाया जाता है। Options (Equity) ट्रेडिंग में स्टॉक एक्सचेंज NSE के द्वारा 0.05% और  BSE के द्वारा 0.0375% चार्ज लगता है। चूकि जो AB लिमिटेड कम्पनी के लॉट हमने ख़रीदे बेचे थे वो NSE एक्सचेंज पर किये थे। तो हम उसके हिसाब से यहाँ पर चार्ज को कैलकुलेट करेंगे।

ऊपर दी गयी चार्ज लिस्ट में एक्सचेंज ट्रांजैक्शन टैक्स ₹125 रूपए काटे गए थे। आईये अब हम इसकी कैलकुलेशन को समझते है।

जैसा हमने अपने पिछले उदहारण में AB लिमिटेड के 50 लॉट को ₹2000 रूपए के प्रीमियम में ख़रीदा था और ₹3000 रूपए के प्रीमियम में बेचा था।

तो पहले हम खरीदे गए प्रीमियम वैल्यू पर कैलकुलेट करते है जो की इस प्रकार है।

50 x ₹2000 = ₹1,00,000 (खरीदी गयी प्रीमियम वैल्यू)

ऑप्शन ट्रेडिंग में खरीदे गए कुल प्रीमियम पर NSE का एक्सचेंज चार्ज 0.05% लें तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में लिए गए चार्ज का हिसाब इस तरह होगा-

एक्सचेंज ट्रांजैक्शन टैक्स = खरीदी गयी प्रीमियम वैल्यू x 0.05%

= ₹1,00,000 x 0.05%

= ₹1,00,000 x 0.05/100

= ₹50

इसी प्रकार हम अब बेचे गए प्रीमियम वैल्यू पर चार्ज को कैलकुलेट करते है।

50 x ₹3000 = ₹1,50,000 (बेची गयी प्रीमियम वैल्यू)

एक्सचेंज ट्रांजैक्शन टैक्स = बेची गयी प्रीमियम वैल्यू x 0.05%

= ₹1,50,000 x 0.05%

= ₹1,50,000 x 0.05/100

= ₹75

दोस्तों इसी प्रकार ऑप्शन ट्रेडिंग में ₹1,00,000 के प्रीमियम खरीदने पर 0.05% NSE एक्सचेंज चार्ज के हिसाब से ₹50 का चार्ज लिया गया था वहीं जब हमने इसे ₹1,50,000 में बेचा था तो फिर से इस पर 0.05% के रेट से ₹75 चार्ज लिया गया था। इन दोनो चार्ज को मिलाकर आपके प्रॉफिट में से NSE के द्वारा को कुल ₹125 काटे थे।

स्टाम्प ड्यूटी चार्ज (Stamp Duty Charge)

दोस्तों स्टाम्प ड्यूटी चार्ज वो चार्ज होते है जो सरकार सभी एग्जीक्यूटिव buy आर्डर पर लगाती है यानि खरीदे गये ऑप्शन प्रीमियम की वैल्यू पर लगता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में स्टाम्प ड्यूटी चार्ज 0.003% लगता है। ऊपर दी गयी चार्जेज की लिस्ट में स्टाम्प ड्यूटी चार्ज ₹3 काटा गया था। आईये इसको हम कैलकुलेशन के माध्यम के समझते है की इसकी गणना किस प्रकार की गयी है।

दोस्तों हमने AB लिमिटेड के 50 लॉट ₹2000 रूपए पर ख़रीदा था जिसके प्रीमियम की वैल्यू ₹1,00,000 है। तो स्टाम्प ड्यूटी चार्ज 0.003% से कुछ इस प्रकार लगेगा –

स्टाम्प ड्यूटी चार्ज = खरीदे गए प्रीमियम का कुल वैल्यू  x  0.003%

= ₹1,00,000 x 0.003%

= ₹1,00,000 x 0.003/100

= ₹3

इस प्रकार ऑप्शन ट्रेडिंग में जब हम AB लिमिटेड के 50 लोट को ₹2000 के प्रीमियम पर खरीदने पर आपके प्रॉफिट से ₹3 स्टैम्प ड्यूटी चार्ज के लिए काटे गए थे.

सेबी टर्नओवर फीस (SEBI Turnover fees)

दोस्तों SEBI का पूरा नाम है सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया। जो हम ऑप्शन ट्रेडिंग करते है उसमे SEBI भी अपने चार्ज को काट लेता है जिसका चार्ज 0.0001% होता है और ये खरीदने और बेचने दोनों पर लगता है। ऊपर दी गयी चार्जेज की लिस्ट में SEBI टर्नओवर फीस 0.25 पैसे है। आईये हम इसकी कैलकुलेशन को समझते है।

जैसा हमने अपने पिछले उदहारण में AB लिमिटेड के 50 लॉट को ₹2000 रूपए के प्रीमियम में ख़रीदा था और ₹3000 रूपए के प्रीमियम में बेचा था।

तो पहले हम खरीदे गए प्रीमियम वैल्यू पर कैलकुलेट करते है जो की इस प्रकार है।

50 x ₹2000 = ₹1,00,000 (खरीदी गयी प्रीमियम वैल्यू)

ऑप्शन ट्रेडिंग में खरीदे गए कुल प्रीमियम पर SEBI टर्नओवर चार्ज 0.0001% लें तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में लिए गए चार्ज का हिसाब इस तरह होगा-

SEBI टर्नओवर चार्ज = खरीदी गयी प्रीमियम वैल्यू x 0.0001%

= ₹1,00,000 x 0.0001%

= ₹1,00,000 x 0.0001/100

= ₹0.10

इसी प्रकार हम अब बेचे गए प्रीमियम वैल्यू पर चार्ज को कैलकुलेट करते है।

50 x ₹3000 = ₹1,50,000 (बेची गयी प्रीमियम वैल्यू)

SEBI टर्नओवर चार्ज = बेची गयी प्रीमियम वैल्यू x 0.0001%

= ₹1,50,000 x 0.0001%

= ₹1,50,000 x 0.0001/100

= ₹0.15

दोस्तों इसी प्रकार ऑप्शन  ट्रेडिंग में 1,00,000 रु. के प्रीमियम खरीदने पर 0.0001% SEBI टर्नओवर चार्ज के हिसाब से ₹0.10 का चार्ज लिया गया था वहीं जब हमने इसे ₹1,50,000 में बेचा था तो फिर से इस पर 0.0001% के रेट से ₹0.15 चार्ज लिया गया था। इन दोनो चार्ज को मिलाकर आपके प्रॉफिट में से SEBI टर्नओवर चार्ज के कुल ₹0.25 काटे गये थे।

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GST (Goods and Service Tax)

दोस्तों जैसा की आप सबको पता होगा की किसी भी प्रकार की सर्विस चार्ज के ऊपर GST यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स 18% लगता है। इसी प्रकार ऑप्शन ट्रेडिंग भी GST लगता है जोकि 18% होता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में GST ब्रोकरेज फीस, एक्सचेंज ट्रांजैक्शन चार्ज और SEBI टर्नओवर चार्ज पर लगता है।

दोस्तों ऊपर दी गयी ऑप्शन ट्रेडिंग में लगने वाले चार्जेज की लिस्ट में GST ₹29.75 रूपए काटे गए है। आईये अब हम इसको कैलकुलेशन से समझते है।

GST = (ब्रोकरेज + एक्सचेंज ट्रांजैक्शन चार्जेज + SEBI टर्नओवर चार्ज) x 18%

GST = (₹40 + ₹125 + ₹0.25) x  18%

GST = ₹165.25 x 18%

GST = ₹165.25 x 18/ 100

GST = ₹29.75

निष्कर्ष

दोस्तों ऑप्शन ट्रेडिंग थोड़ा सा रिस्की होता लेकिन हाँ अगर सही जानकारी के साथ और अपने ऊपर सयंम रखकर करे तो इसमें काफी अच्छा पैसा बनाया जा सकता है। तो दोस्तों इस पोस्ट में हमने सीखा के ऑप्शन ट्रेडिंग करने में टोटल कितना चार्ज लगता है और हमें प्रॉफिट होने के बाद चार्ज को काटकर कितना पैसा मिलता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में हमें चाहे प्रॉफिट हो या लॉस हमको चार्जेज देने ही होते है। इसलिए ऑप्शन ट्रेडिंग को सोच समझ कर ही करे।

FAQs

Q1: ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए कितना पैसा चाहिए?

A1: दोस्तों ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए बहुत ज्यादा पैसो की जरूरत नहीं है। आप इसको ₹1000 से भी शुरू कर सकते है। लेकिन आपको प्रॉफिट या लॉस भी उसी प्रकार से होगा। जैसे अपने ₹1000 रूपए से ऑप्शन खरीदा आपको ₹200 का प्रॉफिट या लॉस हुआ वहीं अगर अपने ₹10,000 का ऑप्शन ख़रीदा होता तो आपको ₹2000 रूपए का प्रॉफिट या लॉस होता। तो इसमें दोस्तों जितने ज्यादा पैसा लगाओगे तो उतना ही प्रॉफिट होगा और लॉस का रिस्क भी रहेगा।

Q2: ऑप्शन कब खरीदना चाहिए?

A2: आमतौर पर आपको ऑप्शन तब खरीदना चाहिए जब वोलैटिलिटी ऊपर जाने की उम्मीद हो। ऑप्शन तब बेचना चाहिए जब वोलैटिलिटी नीचे आने की उम्मीद हो। वोलैटिलिटी के अलावा एक्सपायरी में कितना समय बचा है और टारगेट कितने दिनों में पूरा होने की उम्मीद है, इन चीजों का भी ख्याल रखना चाहिए क्योंकि ये भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

Q3: ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने में कितने दिन लगते हैं?

A3: आपको धैर्य रखना होगा और कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार रहना होगा। ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए कम से कम 6 महीने लगते है।  इसलिए इसमें लगने वाले समय से निराश न हों क्योंकि यह एक ऐसा कौशल है जो आपको जीवन भर पैसा कमाता रहेगा।

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मेरा नाम विनय है और मुझे शेयर बाजार में चार साल से अधिक का अनुभव है। मैं एक निवेशक, ट्रेडर और HowtoNivesh.com का Author & Founder हूँ । इस वेबसाइट के द्वारा आपको शेयर बाजार को समझने में मदद मिलेगी और आप अपने financial लक्ष्यों को पूरा कर सकेंगे। इस वेबसाइट में दी गयी सारी जानकारी केवल शिक्षा के लिए है।

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