हेलो दोस्तों हमारे इस ब्लॉग में आपका स्वागत है। दोस्तों आज हम बात करने वाले है की कैसे हम शेयर मार्केट ट्रेंड को फॉलो करके उसमे निवेश कर सकते है और अच्छी आय बना सकते है। दोस्तों एक सफल निवेशक वही है जो मार्केट ट्रेंड को देख कर ट्रेडिंग करता है और अपनी आय को बनाता है। अगर आप मार्केट में नये है तो आप बिलकुल सही पोस्ट पर आये है अगर निवेशक अपने निवेश की स्ट्रैटेजी को सुधारना चाहते हैं, तो इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि शेयर मार्केट ट्रेंड को कैसे फॉलो करें?
शेयर मार्केट ट्रेंड को फॉलो करने के लिए कुछ सुझाव
ट्रेडिंग प्लान बनाये
दोस्तों हमें एक ऐसा ट्रेडिंग प्लान बनाना चाहिए जिसको आप हर एक ट्रेडिंग में फॉलो कर सके। यह प्लैन आपको यह तय करने में मदद करेगा कि आप किस स्थिति में खरीदारी या बिक्री करेंगे, और कितने टाइम तक रखेंगे। इससे आप अपने निवेश को सुरक्षित बना सकते हैं और नुकसान को कम कर सकते हैं।
रिस्क मैनेजमेंट
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले रिस्क मैनेजमेंट को समझना चाहिए। दोस्तों रिस्क मैनेजमेंट वो होता है जिसको हम अपने ध्यान में रख कर किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करते है। जैसे हम पहले से ही अपने दिमाग में बिठा लेते है की हमें शेयर को कितने प्राइस पर खरीदना है और कितने प्राइस पर स्टॉप-लॉस लगाना है की अगर शेयर इस प्राइस पर आये तो मै शेयर बेच कर निकल शेयर बेच कर निकल जाऊँ।
उदारहरण के तौर पर जैसे हमने किसी कंपनी के 100 शेयर 20 रूपए के रेट पर ख़रीदे है तो हमारी इन्वेस्टमेंट 2000 रूपए की हुई। अगर हम चाहते है की करंट रेट से शेयर 5 रूपए नीचे गिर जाये तो तब मै बेच कर निकल जाऊं तो इसके लिए हम स्टॉप-लॉस लगाते है।
आत्म-नियंत्रण बनाएं रखे
दोस्तों जब हम शेयर में ट्रेडिंग करते है तो अपने ऊपर आत्म-नियंत्रण बनाये रखना होगा। क्योकि शेयर मार्केट बहुत तेजी के साथ ऊपर और नीचे मूव करती है। इस कंडीशन में अगर हम अपना आत्म-नियंत्रण खो देते है तो हमें हानि होने चान्सेस बढ़ जाते है। इसलिए मार्केट चाहे जिधर भी मूव करे हमें अपने सेट किये हुए टारगेट पर ही निकलना है।
फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis)
निवेशको को निवेश करने से पहले फंडामेंटल एनालिसिस करना चाहिए। किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह से एनालिसिस कर लेना चाहिए यानि उसकी बैलेंस शीट को देखना चाहिए उसके प्रॉफिट एंड लॉस और आगे कंपनी क्या काम करने वाली है उसके बारे में अनुमान लगाना। जिससे उनको शेयर मार्केट ट्रेंड का पता लग सके।
इंडिकेटर्स का उपयोग:
चार्ट एनालिसिस में कई प्रकार के इंडिकेटर्स आते है जिसका उपयोग करके निवेशक शेयर मार्केट ट्रेंड की स्थिति को और भी अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इससे उन्हें निवेश के लिए और भी सटीक तथा सतर्क बनने में मदद मिलती है। चार्ट एनालिसिस निवेशकों को शेयर मार्केट की स्थिति को समझने में मदद करने वाला एक शक्तिशाली और विश्वसनीय टूल है। निवेशकों को चार्ट्स को सही ढंग से पढ़ना सीखना चाहिए ताकि वे शेयर मार्केट के परिवर्तनों को सही समय पर पहचान सकें और अपने निवेश को सुरक्षित रख सकें।
चार्ट की समझ का होना
दोस्तों आज तक बहुत सारे ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर और ट्रेडिंग प्लेटफार्म आ चुके है जैसे- Zerodha, Groww, Angleone, Trading View etc. जिसमे हम चार्ट को अच्छे से समझ सकते है। वैसे तो चार्ट बहुत प्रकार के होते है लेकिन हम बात करने वाले है तीन ऐसे चार्ट का जो एक निवेशक को बहुत हेल्प कर सकते है।
लाइन चार्ट: लाइन चार्ट एनालिसिस का सबसे सामान्य रूप है। इसमें समय के साथ साथ शेयर के प्राइस को दिखाते हुए एक लाइन होती है। इससे निवेशकों को शेयर के मूल्य में हो रहे परिवर्तन को आसानी से देखने में मदद मिलती है। यह एक बहुत साधारण सा तरीका है।
बार चार्ट: बार चार्ट एनालिसिस में हर बार एक अलग से दिखाई जाती है और इसमें खुले, बंद, उच्च, और नीचे की मूल्य स्तरों को दिखाता है। यह चार्ट विश्लेषण भी बाजार की स्थिति को ठीक से समझने में मदद करता है।
कैंडलस्टिक चार्ट: कैंडलस्टिक चार्ट का मतलब है की मोमबत्ती के जैसे स्टिक बनती है जो लाल कैंडल और हरी कैंडल दिखती है। जब शेयर मार्केट नीचे जाता है तो लाल कैंडल बनती है और जब ऊपर जाता है तो हरी कैंडल बनती है। इस कैंडल स्टिक चार्ट में बहुत सारे ऐसे पैटर्न होते है जिसको समझ कर हम एक अच्छी ट्रेड ले सकते है। यह भी शेयर मार्केट ट्रेंड का पता लगाने में सहायक होती है। यह चार्ट पैटर्न क्या होता है? हम इसके बारे में आगे बात करेंगे।
चार्ट पैटर्न क्या होते है?
दोस्तों चार्ट पैटर्न, ट्रेड लेने के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते है और निवेशकों के बीच में बहुत लोकप्रिय है। जिस की मदद से एक अच्छी ट्रेड ले सकते है। यह शेयर मार्केट में हो रहे परिवर्तन को समझने में बहुत मदद करता है। आईये अब हम कुछ लोकप्रिय चार्ट पैटर्न को समझते है।
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हेड एंड शोल्डर्स (Head and Shoulders) पैटर्न :
जैसे की पिक्चर में दिखाया गया है की हेड एंड शोल्डर्स पैटर्न एक तरह से मनुष्य के हेड एंड शोल्डर की तरह होता है। अगर कोई भी शेयर इस तरह का पैटर्न बनाता है और वो इसको क्रॉस करके आगे बढ़ता है तो वहां पर एक ट्रेड बन सकती है यह दो प्रकार के होते है ऊपर की तरफ हेड एंड शोल्डर पैटर्न और नीचे की तरफ हेड एंड शोल्डर पैटर्न जिसे इनवर्टेड (Inverted) हेड एंड शोल्डर पैटर्न भी कहा जाता है। यह शेयर मार्केट ट्रेंड का पता लगाने में सहायक होती है।
डबल टॉप (Double Top):
डबल टॉप एक बीयरिश पैटर्न है जो ऊपर की साइड पर दो बार प्राइस की चोटियों को दिखाता है। इसका मतलब ये होता है की शेयर का प्राइस एक बार ऊपर की ओर छू कर नीचे की ओर आता है और फिर से दूसरी बार छूता है तो ये संकेत माना जाता है की शेयर का प्राइस अब गिर सकता है और निवेशक वहां पर ट्रेड ले सकते है और लाभ कमा सकते है।
डबल बॉटम (Double Bottom):
डबल बॉटम एक बुलिश पैटर्न है जो नीचे की साइड पर दो बार प्राइस के सपोर्ट को दिखाता है। इसका मतलब ये होता है की शेयर के प्राइस एक बार नीचे की ओर छू कर ऊपर की ओर आता है और फिर से दूसरी बार नीचे छूता है तो ये संकेत माना जाता है की शेयर का प्राइस अब ऊपर की और बढ़ सकता है और निवेशक वहां पर शेयर को खरीद सकते है और लाभ कमा सकते है।
बुलिश फ्लैग पैटर्न (Flag Pattern):
फ्लैग पैटर्न चार्ट पर आपको एक तेज अपमूव दिखाई दे रहा होगा। यह पैटर्न तभी बनता है जब शेयर के शुरुआत में एक शार्प तेजी हो। इस शार्प तेजी को ही फ्लैग पैटर्न का पोल, यानी कि झंडे का डंडा कहते हैं।
शेयर में शार्प अपट्रेंड के दौरान सामान्य से हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम रहता है। इस दौरान प्राइस एक रजिस्टेंस बनता है और फिर प्राइस एक कंसोलिडेशन पीरियड में चला जाता है। कंसोलिडेशन के दौरान प्राइस एक सीमित रेंज में रहता हैं, इस कंसोलिडेशन का झुकाव नीचे की तरफ होता है। इस दौरान छोटे-छोटे सपोर्ट और रेजिस्टेंस बनते हैं, जब चार्ट पर दो सपोर्ट और दो रेजिस्टेंस बन जाए। तब आपको दोनों रेजिस्टेंस को छूते हुए पहली ट्रेंड ट्रेन लाइन खींचनी चाहिए। इसी तरह दोनों सपोर्ट को छूते हुए दूसरी ट्रेंड लाइन खींचनी चाहिए।
कप एंड हैंडल पैटर्न (Cup and Handle):
इस पैटर्न में पहला हिस्सा एक कप के आकार का होता है। जब प्राइस नीचे की ओर गिर कर ऊपर की ओर कप के आकार का पैटर्न बनाता है जिसमे प्राइस का धीरे धीरे नीचे जाना और फिर एक राउंड शेप लेकर ऊपर की तरफ आता है। फिर इसमें थोड़ी सी और गिरावट होती है और फिर ऊपर की ओर आता है तो मानो एक हैंडल के तरह का पैटर्न बनाता है। जब निवेशक को ऐसे का पैटर्न दिखाई देता है तो वह इसमें ट्रेड करने की सोचता है क्योकि जब प्राइस कप एंड हैंडल का पैटर्न बना कर उसको क्रॉस करता है तो शेयर का प्राइस बहुत तेज़ी से ऊपर की ओर जाता है जिस से वो क्रॉस वाली जगह पर शेयर को खरीद कर आगे अपने टारगेट पर बेच सकता है और लाभ कमा सकता है।
निष्कर्ष
दोस्तों एक अच्छा ट्रेडर वही है जो मार्केट में हो रहे बदलाव को समझे। समय समय पर रोज शेयर मार्केट ट्रेंड को देखे। ज्यादातर लोग शेयर मार्केट में पैसे खोते है कारण यही है की वो बिना मार्केट को समझे शेयर मार्केट में खूद पड़ते है और लॉस करा लेते है। दोस्तों आपको मार्केट को पूरा समझना बहुत जरुरी है। ट्रेंड को फॉलो करना बहुत महत्वपूर्ण है। निवेशकों को हर नए ट्रेंड में चार्ट एनालिसिस करना और उसकी महत्वपूर्ण परिस्थितियों को समझना चाहिए। वे भले ही बाजार के स्विंग्स और ऊपर-नीचे की गतिविधियों के साथ मुकाबला करते हैं, लेकिन सही समय पर सही निर्णय लेने में सक्षम रहते हैं।
आखिरकार, शेयर मार्केट ट्रेंड को फॉलो करना एक कला है जो निवेशकों को बाजार के साथ जुड़े रहने में मदद करती है। सही तकनीकी ज्ञान, अनुभव, और स्थिरता के साथ, निवेशक शेयर मार्केट में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और अच्छे लाभ की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। दोस्तों उम्मीद है, आपको यह पोस्ट “शेयर मार्केट में ट्रेंड को फॉलो कैसे?” पसंद आया होगा। आपका दिन शुभ हो और निवेश सुखद रहे।
Disclaimer: शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले अपने खुद की रिसर्च करे और किसी शेयर मार्केट एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें। क्योकि शेयर मार्केट जोखिमों केअधीन है। इस ब्लॉग पर दी गयी शेयर मार्केट की सभी जानकारी केवल सूचनात्मक और शैक्षिक उद्देश्य से है। सभी जानकारी लेखक के अपने अनुभव व ज्ञान पर आधारित है।
FAQs
Q1: शेयर मार्केट ट्रेंड को कैसे पहचाने?
A1: ट्रेंड को पहचानने के लिए निवेशकों को चार्ट पैटर्न, ग्राफ और टेक्निकल इंडिकेटर का उपयोग करना चाहिए।
Q2: बुलिश और बीयरिश ट्रेंड में क्या अंतर है?
A2: बुलिश ट्रेंड में मार्केट का प्राइस ऊपर की ओर बढ़ता है जबकि बीयरिश ट्रेंड में मार्केट का प्राइस नीचे की ओर बढ़ता है।
Q3: शेयर मार्केट ट्रेंड को फॉलो करते समय सावधानियां क्या हैं?
A3: ट्रेंड को फॉलो करते समय निवेशकों को अपने टारगेट को सेट करना चाहिए और हर निवेश से पहले मार्केट की जाँच करनी चाहिए।
Q4: शेयर मार्केट ट्रेंड को फॉलो करने के लिए कौन-कौन से टूल्स हैं?
A4: ट्रेंड को फॉलो करते समय निवेशकों को चार्ट्स, ग्राफ्स, मूविंग एवरेजेस, और बोलिंजर बैंड्स जैसे तकनीकी टूल्स का उपयोग करना चाहिए। ये टूल्स ट्रेंड की पहचान और समझ में मदद कर सकते हैं।